सोमवार, 6 फ़रवरी 2023

जो खानदानी रईस हैं वो / गज़ल / शबीना अदीब

 ख़ामोश लब हैं झुकी हैं पलकें, दिलों में उल्फ़त नई-नई है,

अभी तक़ल्लुफ़ है गुफ़्तगू में, अभी मोहब्बत नई-नई है।


अभी न आएँगी नींद तुमको,

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